Nifty Analysis: 25 जुलाई को निफ्टी 50 ने ₹25,000 का उच्च और ₹24,811 का निचला स्तर बनाया, और दिन का अंत हुआ ₹24,832.20 पर। इंडेक्स पूरे सत्र में 25,000 से नीचे ही बना रहा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है और हर उछाल पर सेलर्स हावी रहे।
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तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक, 25,400 और 25,566 के आसपास मजबूत रेजिस्टेंस देखने को मिल सकता है। नीचे की ओर 24,850 और 24,676 पर सपोर्ट मौजूद है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बना दबाव
इस महीने अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने ₹1.07 लाख करोड़ की बिकवाली की है, जिसने बाजार की कमर तोड़ दी है। घरेलू निवेशक जरूर कुछ हद तक समर्थन देते दिखे हैं, लेकिन वैश्विक संकेतों की कमजोरी और डॉलर की तुलना में रुपये की गिरावट ने भरोसे को डगमगा दिया है।
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टेक्निकल संकेत: बाजार साइडवेज़, लेकिन सावधानी जरूरी
MACD में भले ही हल्का पॉजिटिव संकेत मिला हो, लेकिन RSI 52.29 पर न्यूट्रल है। वहीं स्टोकास्टिक, CCI और ROC जैसे शॉर्ट टर्म इंडिकेटर साफ तौर पर बाजार में कमजोरी दिखा रहे हैं। ADX फिलहाल 15.09 पर है, जो किसी मज़बूत ट्रेंड की गैर-मौजूदगी को दर्शाता है।
आने वाले दिनों में क्या रहेगा फोकस?
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक निफ्टी 25,400 के ऊपर मजबूती से नहीं टिकता, तब तक लॉन्ग पोजीशन लेने से बचना चाहिए। वहीं अगर 25,000 decisively टूटता है, तो इंडेक्स में और गिरावट देखने को मिल सकती है। बाजार की दिशा अब पूरी तरह ग्लोबल संकेतों, डॉलर-रुपया चाल, और FPI की गतिविधियों पर निर्भर करेगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

