Stock Market Update: NSE ने कई डेरिवेटिव इंडेक्स के लॉट साइज में किया बदलाव, निफ्टी और बैंक निफ्टी भी प्रभावित

Stock Market Update: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कई प्रमुख इंडेक्स के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के मार्केट लॉट साइज में बदलाव की घोषणा की है। यह संशोधन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की समीक्षा गाइडलाइन के अनुरूप किया गया है। नए लॉट साइज 28 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे। यह भी पढ़ें: IPO News: अगले हफ्ते […]

Shakti Pump Share Price me lagatar bikawali ke baad achanak tezi dekhne ko mili

Stock Market Update: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कई प्रमुख इंडेक्स के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के मार्केट लॉट साइज में बदलाव की घोषणा की है। यह संशोधन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की समीक्षा गाइडलाइन के अनुरूप किया गया है। नए लॉट साइज 28 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे।

यह भी पढ़ें: IPO News: अगले हफ्ते 28,500 करोड़ के 5 मेगा आईपीओ होंगे लॉन्च, टाटा कैपिटल और LG Electronics करेंगे लीड

यह भी पढ़ें: IEL Ltd Share Price: आईईएल लिमिटेड के शेयर ने फिर छुआ 5% अपर सर्किट, निवेशकों की दिलचस्पी बरकरार

किन इंडेक्स में बदलाव हुआ?

NSE की अधिसूचना के अनुसार, निफ्टी 50 का लॉट साइज 75 से घटाकर 65 कर दिया गया है, जबकि निफ्टी बैंक का लॉट साइज 35 से घटकर 30 हो गया है। इसी तरह, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए यह साइज 65 से घटाकर 60 कर दिया गया है और निफ्टी मिड सिलेक्ट का लॉट साइज 140 से घटाकर 120 तय किया गया है। दूसरी ओर, निफ्टी नेक्स्ट 50 में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह 25 पर ही बना रहेगा।

पुराने कॉन्ट्रैक्ट पर क्या होगा असर?

एक्सचेंज ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा लॉट साइज 30 दिसंबर 2025 की एक्सपायरी तक वर्तमान साप्ताहिक और मासिक कॉन्ट्रैक्ट्स पर लागू रहेंगे। 28 अक्टूबर के बाद बनने वाले सभी नए कॉन्ट्रैक्ट्स पर संशोधित लॉट साइज लागू होंगे।

बदलाव की वजह

NSE ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू का निर्धारण सितंबर 2025 की औसत क्लोजिंग कीमत के आधार पर किया गया है। सेबी की गाइडलाइन के अनुसार, यदि इंडेक्स स्तर बढ़ता है तो कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को संतुलित रखने के लिए लॉट साइज घटाया जाता है। इसके विपरीत, यदि इंडेक्स स्तर घटता है तो लॉट साइज बढ़ा दिया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की वैल्यू को एक तय दायरे में बनाए रखना है।

निवेशकों पर संभावित असर

विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से रिटेल और मध्यम स्तर के निवेशकों को लाभ होगा। छोटे लॉट साइज के कारण कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू अपेक्षाकृत कम हो जाएगी, जिससे अधिक निवेशकों की भागीदारी संभव हो सकेगी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस तरह का समय-समय पर किया जाने वाला एडजस्टमेंट बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।

लॉट साइज का महत्व

लॉट साइज वह न्यूनतम मात्रा है, जिसके आधार पर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट में सौदे किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि निफ्टी 50 का मौजूदा स्तर 22,000 है और लॉट साइज 65 है, तो एक कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू लगभग 14.3 लाख रुपये होगी।

Scroll to Top