Ola Electric के निवेशकों के लिए गुरुवार, 11 दिसंबर का दिन फिर भारी रहा। कारोबार की शुरुआत से ही शेयर पर बिकवाली हावी दिखी और स्टॉक लिस्टिंग के बाद के अपने नए लो स्तर तक खिसक गया। शेयर में यह गिरावट S&P Global की उस रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें उसने Ola Electric की पैरेंट कंपनी ANI Technologies की क्रेडिट रेटिंग को एक बार फिर घटा दिया। नई रेटिंग ‘CCC-’ बताती है कि कंपनी के सामने निकट भविष्य में डिफॉल्ट का जोखिम बढ़ गया है, खासकर तब तक जब तक उसकी वित्तीय स्थिति में बड़ा सुधार नहीं होता।
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2025 की शुरुआत से अब तक Ola Electric के शेयर में लगभग 60% की गिरावट आ चुकी है। लगातार बिकवाली के बीच स्टॉक अब अपने 52-सप्ताह के निचले स्तरों के आसपास घूम रहा है।
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कैश बर्न बढ़ा, लिक्विडिटी कमजोर—S&P का सख्त रुख
S&P का कहना है कि ANI Technologies की हालत लगातार कमजोर हो रही है क्योंकि कंपनी भारी कैश बर्न झेल रही है, वहीं हाथ में उपलब्ध नकदी भी तेजी से कम होती जा रही है। एजेंसी का अनुमान है कि FY26 की चौथी तिमाही तक कंपनी का कैश बैलेंस ₹200 करोड़ से भी नीचे आ सकता है।
ANI Technologies के पास Ola Electric में लगभग 3.6% हिस्सेदारी है। लेकिन Ola Cabs के लगातार घाटे वाले संचालन ने उसकी वित्तीय स्थिति को और कमजोर कर दिया है।
क्रेडिट एजेंसी ने यह भी चेताया कि कंपनी 31 मार्च 2026 तक अपने टर्म लोन B से जुड़े एक महत्वपूर्ण कवेनेंट का उल्लंघन कर सकती है, जिसके लिए उसे कम से कम ₹240 करोड़ कैश रिजर्व में रखना जरूरी है।
ऑपरेटिंग प्रदर्शन पर दबाव
कंपनी की कारोबारी स्थिति भी उम्मीदों से काफी कमजोर दिख रही है। S&P के अनुसार:
- FY26 में एडजस्टेड EBITDA घाटा लगभग ₹590 करोड़ तक पहुंच सकता है
- रेवेन्यू में 25% से 27% की गिरावट की आशंका
- राइड-हेलिंग सेगमेंट में चार-व्हीलर कैटेगरी का मार्केट शेयर 50% से घटकर 20–25% पर
- कैश बफर की स्थिति बेहद कमजोर, जबकि Uber के पास 6 अरब डॉलर से अधिक की नकदी
S&P का स्पष्ट कहना है कि मौजूदा कैश बर्न और गिरते राजस्व के बीच कंपनी बड़े प्रतिस्पर्धियों जैसी मजबूती नहीं दिखा पा रही है।
फंडिंग और लिक्विडिटी वाले विकल्प सीमित
ANI Technologies मुख्य रूप से इक्विटी फंडिंग पर निर्भर रही है। बैंकिंग क्षेत्र से मजबूत फाइनेंसिंग का कोई ठोस रिकॉर्ड नहीं रहा। Ola Electric में उसकी हिस्सेदारी की अनुमानित वैल्यू टैक्स के बाद करीब ₹450 करोड़ बैठती है, लेकिन शेयर लगभग ₹35 पर ट्रेड कर रहा है, जिससे हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
कंपनी के लगभग ₹19,500 करोड़ का हिस्सा CCPS में है, जो उसके कुल समायोजित कर्ज का 95% है। IPO योजना 2020 से कई बार आगे बढ़ चुकी है, जिससे CCPS निवेशकों के बाहर निकलने का जोखिम बढ़ता जा रहा है।
S&P ने साफ किया है कि यदि घाटे और बढ़ते हैं या लिक्विडिटी और बिगड़ती है, तो रेटिंग में एक और कटौती हो सकती है। वहीं यदि नकदी स्थिति सुधरती है और CCPS एग्जिट का खतरा कम होता है, तो आउटलुक स्थिर रखा जा सकता है।
शेयर प्रदर्शन भी कमजोर
ई-टू-व्हीलर मार्केट में भी दिक्कतें बढ़ रही हैं। नवंबर में Ola Electric Mobility की बाजार हिस्सेदारी घटकर 6.7% रह गई, जबकि साल की शुरुआत में यह करीब 25% थी। बुधवार को कंपनी का शेयर लगभग 1.8% फिसलकर ₹34.10 पर बंद हुआ था।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दिए गए विचार किसी तरह की निवेश सलाह नहीं हैं। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ आता है, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

