PhonePe IPO: 71,200 करोड़ रुपये के OFS की तैयारी, वॉलमार्ट और टाइगर ग्लोबल बेचेंगे अपनी हिस्सेदारी

PhonePe IPO: डिजिटल पेमेंट्स कंपनी फोनपे भारतीय शेयर बाजार में अपनी सबसे बड़ी एंट्री की तैयारी कर रही है। कंपनी ने सेबी को मसौदा दस्तावेज सौंप दिए हैं। खास बात यह है कि यह पूरा इश्यू ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए होगा, यानी इसमें कोई नई इक्विटी जारी नहीं की जाएगी। मौजूदा निवेशक ही […]

PhonePe IPO 2025 में 71,200 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल की तैयारी, वॉलमार्ट और टाइगर ग्लोबल अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।

PhonePe IPO: डिजिटल पेमेंट्स कंपनी फोनपे भारतीय शेयर बाजार में अपनी सबसे बड़ी एंट्री की तैयारी कर रही है। कंपनी ने सेबी को मसौदा दस्तावेज सौंप दिए हैं। खास बात यह है कि यह पूरा इश्यू ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए होगा, यानी इसमें कोई नई इक्विटी जारी नहीं की जाएगी। मौजूदा निवेशक ही अपने हिस्सेदारी का एक हिस्सा बाजार में बेचेंगे।

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कौन बेचेंगे अपनी हिस्सेदारी?

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आईपीओ में वॉलमार्ट, टाइगर ग्लोबल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े निवेशक करीब 10% तक की हिस्सेदारी बाजार में उतार सकते हैं। वॉलमार्ट इस समय फोनपे का सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसके अलावा जनरल अटलांटिक, रिबिट कैपिटल, टीवीएस कैपिटल, टेनसेंट और कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी भी कंपनी में हिस्सेदारी रखते हैं।

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पहले भी रही है बड़ी वैल्यूएशन की चर्चा

फोनपे ने कुछ समय पहले करीब 1.5 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई थी। उस समय कंपनी की वैल्यूएशन 15 बिलियन डॉलर तक आंकी जा रही थी। अब आईपीओ के जरिए निवेशकों को आंशिक निकासी का मौका मिलेगा।

मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ

वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। फोनपे की ऑपरेटिंग इनकम 7,114.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल की तुलना में 40% से ज्यादा की बढ़ोतरी है। वहीं, कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट लॉस 13.4% घटकर 1,727.4 करोड़ रुपये रह गया। इसका मतलब है कि कंपनी घाटे को कम करने में सफल हो रही है।

बिजनेस विस्तार की कोशिशें

फोनपे ने पिछले कुछ सालों में सिर्फ पेमेंट्स तक सीमित रहने के बजाय नए क्षेत्रों में कदम रखा है। अब कंपनी लोन डिस्ट्रीब्यूशन, इंश्योरेंस और स्टॉकब्रोकिंग जैसी सर्विसेज भी ऑफर कर रही है। हालांकि, अभी भी इसका मुख्य राजस्व स्रोत डिजिटल पेमेंट बिजनेस ही है।

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?

चूंकि यह पूरा इश्यू ऑफर फॉर सेल का है, इसलिए कंपनी को सीधे तौर पर कोई फंड नहीं मिलेगा। लेकिन इसका फायदा मौजूदा निवेशकों को होगा, जिन्हें आंशिक एग्जिट का मौका मिलेगा। दूसरी तरफ, शेयर बाजार में कंपनी की लिस्टिंग से फोनपे की ब्रांड वैल्यू और पारदर्शिता दोनों में बढ़ोतरी होगी।

भारत के डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर पर असर

फोनपे का आईपीओ भारतीय बाजार में सबसे बड़े टेक-ड्रिवन ऑफरिंग्स में से एक माना जा रहा है। भारत में पहले से ही यूपीआई और डिजिटल वॉलेट के क्षेत्र में फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसी कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में लिस्टिंग के बाद फोनपे के पास और भी बड़ी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी के रूप में उभरने का अवसर होगा।

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