PM मोदी के बयान से टूटा भरोसा, चीनी डिफेंस शेयरों में हो रही भारी गिरावट

चीनी डिफेंस शेयर गिरावट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया संबोधन के बाद चीन की डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। हांगकांग का हैंग सेंग चाइना एयरोस्पेस एंड डिफेंस इंडेक्स दो दिनों में कुल 4.2% गिर चुका है, जो बाजार में नकारात्मक सेंटीमेंट को दर्शाता है।
बुधवार को इंडेक्स में 1.3% की गिरावट दर्ज हुई, जबकि मंगलवार को यह पहले ही 2.9% लुढ़क चुका था। इससे स्पष्ट है कि डिफेंस सेक्टर से जुड़े निवेशक घबराए हुए हैं। बड़ी कंपनियों जैसे AVIC Aircraft, चाइना स्पेससैट, नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप रेड एरो, और ब्राइट लेजर टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 1% से लेकर 4% तक की गिरावट देखी गई। इंडेक्स की 29 में से केवल 2 कंपनियों ने हरे निशान में कारोबार किया, बाकी सभी लाल निशान पर बंद हुईं।https://bazaarbits.com/union-bank-share-q4-results/
J-10 फाइटर जेट निर्माता कंपनी को सबसे तगड़ा झटका
सबसे ज्यादा नुकसान Avic Chengdu Aircraft को हुआ, जो J-10 लड़ाकू विमान बनाती है। इसके शेयर केवल दो कारोबारी सत्रों में करीब 9% तक गिर चुके हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान की सेना J-10 फाइटर जेट का उपयोग करती है। बीते समय में जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा था, तब उम्मीद की जा रही थी कि पाकिस्तान चीन से हथियारों की खरीद बढ़ाएगा, जिससे चीनी डिफेंस कंपनियों को फायदा होगा। लेकिन पीएम मोदी के सख्त रुख के बाद निवेशकों ने अपना रुख बदल लिया है।
“ऑपरेशन सिंदूर” और ‘मेड इन इंडिया’ डिफेंस का असर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है”, और अगर पाकिस्तान ने उकसावे वाली गतिविधियाँ जारी रखीं, तो भारत की ओर से कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में मेड इन इंडिया डिफेंस टेक्नोलॉजी ने अहम भूमिका निभाई और पाकिस्तानी सेना द्वारा उपयोग किए गए चीनी उपकरणों को पीछे छोड़ते हुए निर्णायक बढ़त दिलाई।
इस बयान ने न केवल भारतीय रक्षा उपकरणों के आत्मनिर्भरता मॉडल को समर्थन दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को यह संकेत भी दिया है कि चीन की डिफेंस कंपनियों पर भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है – खासकर जब उनके ग्राहक देशों की राजनीतिक स्थिति अस्थिर हो।
निवेशकों के सेंटीमेंट पर सीधा असर
इस घटनाक्रम के बाद ग्लोबल निवेशक चीनी डिफेंस सेक्टर में अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा कर रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यदि भारत की घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री की पकड़ और मजबूत होती है, तो यह चीन की हथियार कंपनियों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी के बयान का असर सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके आर्थिक प्रभाव भी सामने आ गए हैं। चीनी डिफेंस स्टॉक्स की गिरती कीमतें यह इशारा कर रही हैं कि अब निवेशक भारत के आत्मनिर्भर डिफेंस सिस्टम को एक मजबूत विकल्प के रूप में देखने लगे हैं।