Reliance Infrastructure News Today: भारतीय रक्षा उद्योग में एक और बड़ी छलांग देखने को मिली है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की डिफेंस यूनिट ने जर्मन रक्षा कंपनी Rheinmetall Waffe Munition से करीब ₹600 करोड़ का एक महत्वपूर्ण एक्सपोर्ट ऑर्डर हासिल किया है। इस खबर के सामने आते ही बुधवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया और यह स्टॉक अपर सर्किट पर बंद हुआ।
शेयर की चाल में जबरदस्त रफ्तार
बुधवार को शेयर 388 रुपये के स्तर पर खुला और कुछ ही देर में तेजी पकड़ते हुए अपर सर्किट को छू गया। यह कीमत पिछले बंद स्तर 385.40 रुपये से ऊपर थी। जानकारों के मुताबिक यह तेजी केवल एक ट्रेडिंग मूव नहीं, बल्कि कंपनी के कारोबारी प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं का संकेत भी है।
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डील से जुड़े खास पहलू
Rheinmetall एक विश्व प्रसिद्ध रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी है और भारत के साथ इसका यह सौदा देश के “मेक इन इंडिया” डिफेंस मिशन को एक नई मजबूती देता है। यह डील भारत की निर्यात क्षमता को वैश्विक मानचित्र पर और उभारने वाली है।
यह डील न सिर्फ एक ऑर्डर है, बल्कि भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
कंपनी को मिला नया निवेश, शेयर जारी किए गए
रिलायंस डिफेंस को Promoter Group की कंपनी Risee Infinity से 300 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इसके तहत कंपनी ने 1.25 करोड़ नए शेयर जारी किए हैं, जिससे इसकी पूंजीगत स्थिति और मज़बूत हुई है।
यह नया निवेश कंपनी को अपने मौजूदा और आगामी रक्षा परियोजनाओं के लिए तकनीकी उन्नयन और उत्पादन क्षमता विस्तार में सहायक होगा।
FII की बढ़ती दिलचस्पी और निवेशकों की उम्मीदें
बीते कुछ समय में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की भागीदारी भी बढ़ी है। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भी भारत की रक्षा सेक्टर ग्रोथ और कंपनी की रणनीतियों में भरोसा जता रहे हैं।
ब्रोकरेज एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि कंपनी इसी प्रकार नए अनुबंध और पूंजी निवेश हासिल करती रही, तो इसका शेयर निकट भविष्य में और ऊंचाई छू सकता है।
Reliance Infrastructure क्या करती है?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर देश की अग्रणी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में गिनी जाती है। यह पावर, रोड, मेट्रो और डिफेंस प्रोजेक्ट्स में काम करती है। मुंबई मेट्रो और कई नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स BOOT और BOT मॉडल पर पूरे कर चुकी है। अब कंपनी का फोकस डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पर और तेज होता दिख रहा है, जो इस डील से भी स्पष्ट है
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना और शैक्षिक उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। किसी भी आईपीओ या शेयर में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें। बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

