2026 में आएगा रिलायंस जियो IPO, 154 अरब डॉलर वैल्यूएशन के साथ तोड़ेगा सभी रिकॉर्ड

रिलायंस जियो IPO: मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने सालाना आम बैठक (AGM) में बड़ा ऐलान किया है। कंपनी की डिजिटल शाखा रिलायंस जियो को शेयर बाज़ार में उतारने की तैयारी तेज़ हो गई है। प्रबंधन का लक्ष्य है कि यह ऐतिहासिक आईपीओ वित्तीय वर्ष 2026 की पहली छमाही में लॉन्च किया जाए। […]

Reliance Industries शेयर प्राइस पूर्वानुमान – Morgan Stanley ने 25% तेजी की संभावना जताई

रिलायंस जियो IPO: मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने सालाना आम बैठक (AGM) में बड़ा ऐलान किया है। कंपनी की डिजिटल शाखा रिलायंस जियो को शेयर बाज़ार में उतारने की तैयारी तेज़ हो गई है। प्रबंधन का लक्ष्य है कि यह ऐतिहासिक आईपीओ वित्तीय वर्ष 2026 की पहली छमाही में लॉन्च किया जाए।

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154 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है वैल्यूएशन

निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि अनुकूल परिस्थितियों में जियो का एंटरप्राइज वैल्यू लगभग 154 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। वहीं अन्य ब्रोकरेज हाउस ने इसे 121 से 146 अरब डॉलर के बीच आंका है। यह मूल्यांकन भारतीय कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ी पूंजी जुटाने वाली पेशकश साबित हो सकता है।

अगर कंपनी केवल 5% हिस्सेदारी भी बेचती है तो उसे लगभग 58,000 से 67,500 करोड़ रुपये तक की रकम मिल सकती है। यह सौदा मौजूदा रिकॉर्ड होल्डर, हुंडई मोटर इंडिया के 27,870 करोड़ रुपये के आईपीओ को काफी पीछे छोड़ देगा।

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर

जियो ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय दूरसंचार बाज़ार की तस्वीर बदल दी है। कंपनी के पास फिलहाल 50 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं, जो इसे चाइना मोबाइल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनाते हैं।

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे भी कंपनी की मज़बूती को दर्शाते हैं। इस दौरान जियो प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध लाभ 7,110 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 25% की वृद्धि है। वहीं कंपनी की कुल आय 41,054 करोड़ रुपये रही, जिसमें 19% की बढ़त दर्ज की गई।

शेयरहोल्डिंग संरचना

वर्तमान में जियो प्लेटफॉर्म्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 66.3% है। इसके अलावा मेटा (10%), गूगल (7.7%), और विभिन्न प्राइवेट इक्विटी निवेशक (करीब 16%)** भी इसमें हिस्सेदार हैं। यह वैश्विक निवेशकों का भरोसा दर्शाता है और आईपीओ के प्रति उत्साह को और बढ़ा सकता है।

भारत से बाहर कारोबार विस्तार की तैयारी

मुकेश अंबानी ने AGM के दौरान यह भी संकेत दिया कि कंपनी अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहना चाहती। जियो अपने डिजिटल और तकनीकी समाधानों को वैश्विक स्तर पर ले जाने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में जियो सिर्फ एक भारतीय टेलीकॉम कंपनी नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय टेक दिग्गज के रूप में भी उभर सकती है।

निवेशकों के लिए ऐतिहासिक अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि जियो का आईपीओ भारतीय पूंजी बाज़ार में एक नया अध्याय लिखेगा। अब तक भारत में किसी भी कंपनी ने इतनी बड़ी रकम पब्लिक इश्यू के ज़रिए नहीं जुटाई है। अगर वैल्यूएशन अनुमान के मुताबिक रहा, तो यह आईपीओ न केवल घरेलू निवेशकों बल्कि वैश्विक फंड मैनेजर्स के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

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