Reliance Industries Market Cap Drop: एक हफ्ते में ₹78,000 करोड़ स्वाहा, टॉप कंपनियों को बड़ा झटका

Reliance Industries Market Cap Drop: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में बड़े झटके देखने को मिले, खासकर देश की कुछ दिग्गज कंपनियों के लिए। बीएसई में लिस्टेड टॉप 10 कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में लगभग ₹78,166 करोड़ की भारी गिरावट दर्ज की गई। इनमें सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को […]

Hubtown share price falling despite strong pre-sales and project consolidation news

Reliance Industries Market Cap Drop: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में बड़े झटके देखने को मिले, खासकर देश की कुछ दिग्गज कंपनियों के लिए। बीएसई में लिस्टेड टॉप 10 कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में लगभग ₹78,166 करोड़ की भारी गिरावट दर्ज की गई। इनमें सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को उठाना पड़ा।

सेंसेक्स में गिरावट, रिलायंस को बड़ा घाटा

30 कंपनियों वाला बीएसई सेंसेक्स सप्ताह के अंत में 609.51 अंक यानी 0.74% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस गिरावट की बड़ी वजह रिलायंस इंडस्ट्रीज़, इंफोसिस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और अन्य प्रमुख कंपनियों के शेयरों में कमजोरी रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की बाजार हैसियत में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है। हालांकि, एयरटेल जैसी कंपनियों को इस दौरान फायदा भी हुआ।Share Market Weekly Report: गिरावट के बावजूद निफ्टी मजबूत, FII बिकवाली बनी चिंता

भारतीय एयरटेल बनी टॉप परफॉर्मर

जहां अधिकतर दिग्गज कंपनियों को नुकसान हुआ, वहीं भारती एयरटेल ने अपना मार्केट कैप बढ़ाते हुए ₹10,121.24 करोड़ का इजाफा दर्ज किया। इससे एयरटेल निवेशकों के लिए उम्मीद की किरण साबित हुई।

मुनाफावसूली और वैश्विक संकेतों का असर

बाजार में यह गिरावट केवल घरेलू वजहों से नहीं आई, बल्कि वैश्विक संकेत भी इसमें योगदान दे रहे हैं। विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं और कुछ सेक्टरों में कमजोर तिमाही नतीजों ने भी दबाव बनाया है।

इन कंपनियों को हुआ नुकसान:

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज़ – सर्वाधिक गिरावट
  • टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज)
  • एचडीएफसी बैंक
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर
  • इंफोसिस
  • आईसीआईसीआई बैंक

मार्केट में आगे की राह

हालांकि यह गिरावट चिंता का कारण है, लेकिन कुछ सेक्टर्स में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक संकेत स्थिर रहे और घरेलू मांग बेहतर हुई, तो आने वाले हफ्तों में बाजार फिर से संभल सकता है।

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