Reliance Power Share News: रिलायंस पॉवर के निवेशकों के लिए बीते कुछ दिन काफी निराशाजनक रहे हैं। कंपनी के शेयर मंगलवार को एक बार फिर 5% गिरकर ₹45.20 पर बंद हुए, जो कि लोअर सर्किट लिमिट है। यह लगातार तीसरा दिन है जब स्टॉक ने लोअर सर्किट को छुआ है।
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इस गिरावट का मुख्य कारण माना जा रहा है अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ। रिपोर्ट्स के अनुसार, अनिल अंबानी को ₹17,000 करोड़ के बैंक लोन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
क्या है मामला?
ED की जांच में सामने आया है कि रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर आरोप हैं कि उन्होंने बैंकों के साथ फर्जी दस्तावेज, शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश और संदिग्ध गारंटी के जरिये लोन प्राप्त किए।
इस पूरे मामले में वित्तीय अनियमितताओं के संकेत मिले हैं, जिसमें कई स्तरों पर जालसाजी और गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं।
ट्रेडिंग वॉल्यूम में अचानक उछाल
हालांकि स्टॉक में गिरावट देखी गई, लेकिन ट्रेडिंग वॉल्यूम में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिलायंस पावर के शेयरों की ट्रेडिंग वॉल्यूम उसकी 30-दिन की औसत से 2.28 गुना अधिक रही, जो इस बात की ओर इशारा करती है कि निवेशक घबराहट में खरीद-बिक्री कर रहे हैं।
broader मार्केट पर कम असर
जहां एक ओर Reliance Power का स्टॉक गिरता रहा, वहीं broader बाजार यानी NSE Nifty 50 केवल 0.5% की मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। इसका मतलब है कि इस गिरावट का असर कंपनी विशेष पर अधिक केंद्रित है और बाजार की समग्र स्थिति पर फिलहाल ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है।
1 साल में अब भी 37% का रिटर्न
दिलचस्प बात यह है कि हालिया गिरावट के बावजूद पिछले 12 महीनों में Reliance Power के शेयरों ने लगभग 37.76% का रिटर्न दिया है। इसी साल की शुरुआत से अब तक इसमें 6.10% की बढ़त भी देखी गई है।
इससे साफ है कि दीर्घकालिक निवेशकों को अब भी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मौजूदा जांच और गिरावट के चलते अल्पकालिक निवेशक असमंजस की स्थिति में हैं।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।