Reliance Rosneft News: रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने साफ किया है कि वह रूस की प्रमुख तेल कंपनी Rosneft में किसी भी तरह की हिस्सेदारी खरीदने की योजना नहीं बना रही है। कंपनी ने उन तमाम रिपोर्ट्स को “भ्रामक और गलत” बताया है जिनमें यह दावा किया गया था कि रिलायंस, रोसनेफ्ट में हिस्सेदारी लेने जा रही है।
अफवाहों पर कंपनी की सख्त प्रतिक्रिया
कंपनी ने एक औपचारिक बयान में स्पष्ट किया कि रोसनेफ्ट के साथ किसी भी प्रकार की हिस्सेदारी खरीद या साझेदारी की खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। रिलायंस ने दो टूक कहा कि वह इस तरह की अटकलों को खारिज करती है और मीडिया में आई ऐसी रिपोर्ट्स का कोई आधार नहीं है।
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बाजार में हलचल, निवेशकों में भ्रम
इस खबर के सामने आने से पहले बाजार में हलचल मची हुई थी और निवेशक असमंजस में थे कि क्या रिलायंस रूस के साथ कोई बड़ा करार करने जा रही है। खासतौर पर वैश्विक ऊर्जा बाजार में बढ़ती अस्थिरता के बीच यह अफवाह और भी ज़्यादा तवज्जो पा रही थी।
स्टॉक पर हल्का असर
रिलायंस के इस स्पष्टीकरण के बाद कंपनी के शेयर में मामूली तेजी देखी गई। रिलायंस का स्टॉक ₹1,515.50 पर बंद हुआ, जिसमें 0.10 अंक यानी 0.01% की वृद्धि दर्ज की गई। यह इशारा करता है कि निवेशकों ने कंपनी के बयान को गंभीरता से लिया और स्थिरता की उम्मीद जताई।
क्यों जुड़ी रिलायंस का नाम रोसनेफ्ट से?
हालिया कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि रिलायंस, रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। यह कयास यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद बदले वैश्विक ऊर्जा समीकरणों और भारतीय कंपनियों के बढ़ते विदेशी निवेश को देखते हुए लगाए जा रहे थे।
रिलायंस की रणनीतिक सतर्कता
हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का बयान यह स्पष्ट करता है कि कंपनी किसी भी अंतरराष्ट्रीय सौदे को लेकर बेहद सतर्क है और जब तक कोई ठोस निर्णय न हो, वह अफवाहों का हिस्सा नहीं बनना चाहती।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।