रेपो रेट में कटौती से शेयर बाजार में जोश, निफ्टी ने पार किया 25,000 का स्तर

शेयर बाजार: भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह एक नई ऊर्जा देखने को मिली। जहां बीते दो सप्ताह बाजार सुस्ती से जूझ रहा था, वहीं इस बार निवेशकों ने दमदार वापसी की। शुरुआत भले ही धीमी रही, लेकिन शुक्रवार को आई तेजी ने सप्ताह को सकारात्मक मोड़ दे दिया।
RBI की नीतिगत घोषणाओं ने बाजार को चौंकाया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार उम्मीद से कहीं अधिक नीतिगत बदलाव किए। रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर उसे 5.50% कर दिया गया — जबकि बाजार को सिर्फ 25 पॉइंट की उम्मीद थी। इसके साथ ही CRR को भी घटाकर 3% किया गया, जो अप्रैल 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। इससे बैंकों के लिए कर्ज बांटना आसान हो जाएगा और बाजार में तरलता (liquidity) बढ़ेगी।
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इन फैसलों का असर शुक्रवार को देखने को मिला। निफ्टी 50 ने 252 अंकों की तेजी के साथ 25,000 का स्तर पार किया — जो बीते तीन हफ्तों की सबसे बड़ी एकदिनी बढ़त थी। सेंसेक्स भी 738 अंक चढ़कर 82,189 पर बंद हुआ। पूरे सप्ताह की बात करें तो दोनों सूचकांक लगभग 1% ऊपर बंद हुए।
बैंकिंग, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का धमाकेदार प्रदर्शन
बैंक निफ्टी ने 1.5% की बढ़त के साथ 56,578.40 का आंकड़ा छुआ और नया रिकॉर्ड बनाया। यह लगातार चौथा हफ्ता रहा जब बैंकिंग सेक्टर में तेजी बनी रही। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने भी जानदार प्रदर्शन किया — जिनमें 2.8% से 4% तक की मजबूती देखी गई। इससे साफ है कि बाजार में जोखिम लेने का मूड बढ़ रहा है।
FII की बिकवाली के बावजूद DII ने बाजार को थामा
विदेशी निवेशकों (FIIs) ने इस सप्ताह ₹3,565 करोड़ की बिकवाली की, लेकिन घरेलू निवेशकों (DIIs) ने ₹25,513 करोड़ की जबरदस्त खरीदारी कर बाजार को गिरने नहीं दिया। विश्लेषकों के अनुसार, FIIs के पास भारत में निवेश बढ़ाने की अब भी अपार संभावनाएं हैं।
आने वाले सप्ताह में ये फैक्टर रहेंगे महत्वपूर्ण
बाजार की अगली चाल कुछ बड़े आर्थिक और वैश्विक संकेतकों पर निर्भर करेगी। खुदरा महंगाई (CPI), औद्योगिक उत्पादन (IIP), मानसून की स्थिति, और विदेशी निवेश की दिशा पर खास नजर रहेगी। इसके अलावा, ओसवाल पंप्स समेत कई नए IPO भी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
वैश्विक संकेत और तकनीकी स्तरों पर भी नजर
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स, और चीन द्वारा खनिज निर्यात पर लगाई गई पाबंदियां वैश्विक स्तर पर चिंता के कारण बन सकती हैं। तकनीकी नजरिए से निफ्टी अब 24,500 से 25,100 की रेंज में है। यदि यह 25,200 के ऊपर टिकता है तो नया तेजी का चरण शुरू हो सकता है। नीचे की ओर 24,400–24,600 एक मजबूत सपोर्ट जोन बना हुआ है। बैंक निफ्टी के लिए अगला लक्ष्य 58,000 का हो सकता है।
Disclamer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई कोई भी जानकारी निवेश सलाह नहीं मानी जानी चाहिए। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।