Rupee News: गुरुवार सुबह भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मज़बूत होकर खुला और शुरुआती कारोबार में 14 पैसे की बढ़त के साथ 86.93 पर पहुंच गया। यह सुधार घरेलू शेयर बाज़ार की सकारात्मक चाल और वैश्विक स्तर पर बढ़ती निवेशकों की जोखिम लेने की इच्छा के कारण देखने को मिला।
यह भी पढ़ें: Gem Aromatics IPO: Retail निवेशकों की जोरदार भागीदारी, GMP दिखा रहा है 8% मुनाफे के संकेत
पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 87.07 पर बंद हुआ था। आज मुद्रा बाज़ार में यह 87.04 पर खुला और कुछ ही देर में 86.93 के उच्च स्तर तक पहुंच गया। विश्लेषकों का मानना है कि भू-राजनीतिक मोर्चे पर कुछ राहत और घरेलू आर्थिक संकेतकों में मजबूती ने रुपये को सहारा दिया है।
यह भी पढ़ें: Vikram Solar IPO: दूसरे दिन 2.19 गुना सब्सक्रिप्शन, GMP में तेजी से 14% तक लिस्टिंग गेन की उम्मीद
रूस-यूक्रेन और भारत-चीन रिश्तों से राहत
बाज़ार में सकारात्मक माहौल की एक बड़ी वजह रूस और यूक्रेन के बीच शांति की उम्मीदें हैं। इसके साथ ही भारत-चीन संबंधों में भी नरमी आई है। हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी नई दिल्ली दौरे पर आए, जहां दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन को लेकर नई समझ विकसित की और संवाद तंत्र को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। इस राजनयिक प्रगति ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया है।
शेयर बाज़ार में जोश
विदेशी मुद्रा बाज़ार की मजबूती के साथ घरेलू शेयर बाज़ार भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 373 अंक की छलांग लगाकर 82,231 पर पहुंच गया। वहीं, निफ़्टी भी 94 अंक चढ़कर 25,144 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद घरेलू निवेशकों की मज़बूत स्थिति ने बाज़ार को सहारा दिया है।
बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की हिस्सेदारी बेच डाली थी। इसके बावजूद आज बाज़ार की चाल से स्पष्ट है कि घरेलू निवेशक फिलहाल सकारात्मक मूड में हैं।
अंतरराष्ट्रीय संकेत
अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से मिले संकेत भी रुपये की मज़बूती के लिए अनुकूल रहे। डॉलर इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ 98.30 पर पहुंचा है। वहीं कच्चे तेल की कीमतों में हल्की वृद्धि देखने को मिली और ब्रेंट क्रूड 0.37% उछलकर 67.09 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
बाज़ार की नज़र फेड प्रमुख के भाषण पर
अब निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण पर टिकी हैं। वे जैक्सन होल संगोष्ठी में संभावित ब्याज दरों में कटौती को लेकर संकेत दे सकते हैं। यदि पॉवेल नरम रुख दिखाते हैं तो वैश्विक बाज़ारों में नई रौनक आ सकती है और रुपये को भी और मजबूती मिल सकती है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।