SBI Mutual Fund IPO: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी म्यूचुअल फंड इकाई, SBI फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड, को मार्च 2026 से पहले बाजार में सूचीबद्ध करने की योजना बनाई है। कंपनी का लक्ष्य इस आईपीओ के जरिए ₹1 लाख करोड़ से अधिक का मूल्यांकन हासिल करना है। इसके लिए प्राथमिक इश्यू और हिस्सेदारी बिक्री का मिश्रित मॉडल अपनाया जाएगा।
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देश की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी
SBI फंड्स मैनेजमेंट वर्तमान में भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। इसके पास ₹26 लाख करोड़ से अधिक का एसेट अंडर मैनेजमेंट है। यह भारत की पहली फंड हाउस रही जिसने ₹10 लाख करोड़ AUM का आंकड़ा पार किया था।
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हिस्सेदारी और साझेदारी
कंपनी में SBI की 61.9% हिस्सेदारी है, जबकि फ्रांसीसी निवेशक अमंडी के पास 36.36% हिस्सेदारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमंडी इस प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री में शामिल होने के पक्ष में नहीं है। कंपनी का मानना है कि यह आईपीओ उसके लिए मूल्यवर्धक साबित नहीं होगा।
ऊंचे वैल्यूएशन का कारण
बाजार नियामक सेबी के नियमों के मुताबिक, यदि किसी कंपनी का मूल्यांकन ₹1 से ₹5 लाख करोड़ के बीच होता है, तो उसे सूचीबद्ध होने के लिए केवल 2.75% हिस्सेदारी घटानी होती है। इसी प्रावधान का लाभ उठाते हुए SBI उच्च मूल्यांकन का लक्ष्य रख रहा है ताकि कम हिस्सेदारी बेचकर भी अधिकतम लाभ हासिल किया जा सके।
प्रस्तावित समयसीमा
आईपीओ का समय निर्धारण भी रणनीतिक रखा गया है। SBI हाल ही में जुलाई में ₹25,000 करोड़ का क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट पूरा कर चुका है। इसके चलते बाजार में अतिरिक्त तरलता है और बैंक इस समय नई पूंजी जुटाने की जल्दबाजी में नहीं है। योजना है कि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक आईपीओ लाया जाए। अभी तक मर्चेंट बैंकों की नियुक्ति नहीं हुई है और अंतिम शर्तों में बदलाव की संभावना बनी हुई है।
बढ़ता निवेशक आधार
SBI म्यूचुअल फंड ने हाल के वर्षों में निवेशकों के बीच मजबूत पकड़ बनाई है। कंपनी ने 62 लाख से अधिक नए निवेशकों को जोड़ा है और नए नेट फंड फ्लो में लगभग 9% बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। यह कंपनी की मजबूत बाजार स्थिति और बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
अनलिस्टेड शेयरों का प्रदर्शन
गैर-सूचीबद्ध बाजार में फिलहाल SBI फंड्स मैनेजमेंट के शेयर ₹2,700 प्रति शेयर के करीब कारोबार कर रहे हैं। यह संकेत देता है कि निवेशकों में इस आईपीओ को लेकर रुचि पहले से ही मौजूद है।
यदि योजना के अनुसार प्रक्रिया पूरी होती है, तो मार्च 2026 तक भारतीय पूंजी बाजार को देश का अब तक का सबसे बड़ा एसेट मैनेजमेंट आईपीओ देखने को मिलेगा।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।