SBI FD vs Post Office FD: हर व्यक्ति अपने मेहनत की कमाई को ऐसी जगह लगाना चाहता है जहां न केवल पैसा सुरक्षित रहे, बल्कि एक तयशुदा लाभ भी मिले। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सालों से लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। ख़ासतौर पर उन लोगों के लिए, जो जोखिम से दूरी बनाकर चलना पसंद करते हैं और निवेश में स्थिरता चाहते हैं।
लेकिन एक सवाल अक्सर सामने आता है — जब FD ही करनी है, तो कहां की जाए? बैंक में या पोस्ट ऑफिस में? आइए, आज इसी सवाल का आसान और स्पष्ट जवाब खोजते हैं।
SBI की FD: भरोसे का नाम, लेकिन रिटर्न थोड़ा कम
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) एक ऐसा नाम है जिस पर करोड़ों भारतीय वर्षों से भरोसा करते आए हैं। अगर आप इस बैंक में 5 साल के लिए FD करते हैं, तो फिलहाल आपको 6.05% सालाना की दर से ब्याज मिलेगा।
उदाहरण के लिए, यदि आप SBI में ₹5 लाख जमा करते हैं और पूरे 5 साल तक छोड़ देते हैं, तो आपको मैच्योरिटी पर ₹6.75 लाख के करीब मिलेंगे। यानी आपका कुल मुनाफा करीब ₹1.75 लाख होगा।
बैंक की FD में निवेश करने का फायदा ये है कि इसकी सर्विसेस और सपोर्ट सिस्टम काफी मजबूत हैं, और ऑनलाइन मैनेजमेंट भी आसान है।
पोस्ट ऑफिस की FD: ज्यादा ब्याज, लेकिन डिजिटल सुविधा कम
वहीं दूसरी तरफ, पोस्ट ऑफिस की 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम 7.5% सालाना की ब्याज दर दे रही है — जो कि SBI से काफी बेहतर है।
यदि कोई निवेशक यहां भी ₹5 लाख लगाता है, तो 5 साल बाद उसे कुल ₹7.24 लाख तक मिलेंगे। यानी, SBI की तुलना में यहां करीब ₹50,000 अधिक का फायदा मिल सकता है।
हालांकि ध्यान देने वाली बात ये भी है कि पोस्ट ऑफिस की FD में अब भी पारंपरिक प्रक्रिया अपनाई जाती है। यानी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर इसकी पहुंच अभी सीमित है। कई बुज़ुर्ग निवेशक इसे ज़्यादा सहज मानते हैं, लेकिन युवाओं को यह थोड़ी पुरानी लग सकती है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।