SEBI IPO Guidelines: जियो और NSE जैसे दिग्गजों के लिए लिस्टिंग नियम हुए आसान

SEBI IPO Guidelines: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ऐसे नियमों में ढील देने का प्रस्ताव रखा है, जिनसे देश की सबसे बड़ी कंपनियों के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग आसान हो जाएगी। इस कदम का सीधा फायदा रिलायंस जियो इंफोकॉम और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसी कंपनियों को मिल सकता है, जो लंबे समय से […]

Eldeco IPO News – एल्डेको इंफ्रास्ट्रक्चर ने 1,000 करोड़ रुपये का आईपीओ सेबी के पास फाइल किया

SEBI IPO Guidelines: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ऐसे नियमों में ढील देने का प्रस्ताव रखा है, जिनसे देश की सबसे बड़ी कंपनियों के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग आसान हो जाएगी। इस कदम का सीधा फायदा रिलायंस जियो इंफोकॉम और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसी कंपनियों को मिल सकता है, जो लंबे समय से अपने मेगा आईपीओ की तैयारी कर रही हैं।

यह भी पढ़ें: Ola Electric Share Price: EV रेस में Ather ने मारी बाज़ी, ओला के शेयरों में 7% की गिरावट

यह भी पढ़ें: Rupee News: घरेलू शेयर बाज़ार की तेजी से डॉलर के मुकाबले 14 पैसे मजबूत हुआ रुपया

बड़े आईपीओ पर नई गाइडलाइन

वर्तमान नियमों के तहत, किसी भी कंपनी को पब्लिक इश्यू के दौरान कम से कम 10% हिस्सेदारी बेचनी होती है। लेकिन सेबी ने सुझाव दिया है कि जिन कंपनियों का पोस्ट-IPO मार्केट कैप ₹50,000 करोड़ से अधिक होगा, उनके लिए यह सीमा घटाकर 8% कर दी जाए।

इतना ही नहीं, जिन कंपनियों का मूल्यांकन ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा है, उनके लिए न्यूनतम ऑफर घटाकर 2.75%, और जिनका मूल्यांकन ₹5 लाख करोड़ से अधिक है, उनके लिए यह और कम होकर 2.5% कर दिया जाएगा। अभी इन श्रेणियों में 5% हिस्सेदारी देना अनिवार्य है।

रिलायंस जियो और NSE के लिए रास्ता आसान

ब्रोकरेज फर्म Citi के अनुसार रिलायंस जियो का अनुमानित मूल्यांकन 120 अरब डॉलर से ज्यादा है। मौजूदा नियमों के तहत कंपनी को 5% हिस्सेदारी बेचनी पड़ती, जिससे करीब 6 अरब डॉलर जुटाने होते। लेकिन नए प्रस्ताव लागू होने पर केवल 2.5% फ्लोट की जरूरत होगी, यानी करीब 3 अरब डॉलर जुटाने होंगे।

वहीं, NSE भी 50 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन के साथ बाजार में उतरने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में उसे भी नए नियमों से राहत मिल सकती है।

पब्लिक शेयरहोल्डिंग की समयसीमा बढ़ी

SEBI ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि बड़ी कंपनियों को 25% न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) की शर्त पूरी करने के लिए ज्यादा समय दिया जाए।

  • जिन कंपनियों का मार्केट कैप ₹50,000 करोड़ से ऊपर है, उन्हें अब 3 साल की बजाय 5 साल का समय मिलेगा।
  • जिनका मूल्यांकन ₹1 लाख करोड़ से अधिक है, वे पहले 5 साल में 15% और फिर 10 साल में 25% सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल कर सकेंगी।

अन्य संभावित लाभार्थी

रिलायंस जियो और NSE के अलावा PhonePe भी करीब $15 अरब के मूल्यांकन के साथ $1.5 अरब के IPO की तैयारी में है। वहीं, Flipkart भी घरेलू शेयर बाजार में लिस्टिंग की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।

हालिया बड़े IPO

पिछले कुछ महीनों में कई बड़े आईपीओ बाजार में आए हैं। इसमें ह्युंडई मोटर्स ने करीब ₹27,000 करोड़, Swiggy ने लगभग ₹11,300 करोड़, और Green Energy ने लगभग ₹10,000 करोड़ जुटाए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top