Sensex Nifty Crash: 1200 अंकों की गिरावट से उड़े होश, बाजार में डर का माहौल

Sensex Nifty Crash: शुक्रवार का दिन भारतीय निवेशकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। बाजार खुलते ही ऐसी गिरावट आई कि हर कोई सकते में आ गया। दिन की शुरुआत से ही दोनों प्रमुख इंडेक्स—सेंसेक्स और निफ्टी—गहरे लाल निशान में रहे। निवेशकों के करोड़ों रुपये कुछ ही घंटों में मिट्टी में मिल […]

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Sensex Nifty Crash: शुक्रवार का दिन भारतीय निवेशकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। बाजार खुलते ही ऐसी गिरावट आई कि हर कोई सकते में आ गया। दिन की शुरुआत से ही दोनों प्रमुख इंडेक्स—सेंसेक्स और निफ्टी—गहरे लाल निशान में रहे। निवेशकों के करोड़ों रुपये कुछ ही घंटों में मिट्टी में मिल गए।

क्या हुआ बाजार में?

कारोबार के शुरुआती घंटे में सेंसेक्स करीब 1200 अंक गिरकर ट्रेड करता नजर आया, जबकि निफ्टी 415 अंकों की गिरावट के साथ 24,500 के स्तर के नीचे आ गया। इस गिरावट की वजह से शेयर बाजार का कुल मार्केट कैपिटल करीब 7 लाख करोड़ रुपये घट गया, जिससे निवेशकों की संपत्ति में बड़ी सेंध लग गई।

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बाजार में गिरावट की 5 अहम वजहें

1. मध्य पूर्व की अनिश्चितता ने बढ़ाई चिंता

ईरान और इज़राइल के बीच फिर से बढ़ते तनाव ने ग्लोबल बाजारों में अस्थिरता ला दी है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भी स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

2. कच्चे तेल के भावों में आग

क्रूड ऑयल की कीमतें $90 प्रति बैरल के आसपास पहुंच गई हैं। इससे भारत जैसे बड़े तेल आयातक देशों पर महंगाई और ट्रेड डिफिसिट का दबाव बढ़ता दिख रहा है।

3. विदेशी निवेशकों की जबरदस्त बिकवाली

FIIs यानी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। बीते चार दिनों में उन्होंने हजारों करोड़ की इक्विटी बेची है।

4. अमेरिकी आर्थिक नीतियों से घबराहट

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इससे विदेशी बाजारों में भी नकारात्मक माहौल है, जो भारतीय बाजार पर असर डाल रहा है।

5. टेक्निकल स्तर टूटना

निफ्टी ने 24,800 के अहम टेक्निकल सपोर्ट को तोड़ा, जिससे ऑटोमेटेड सेलिंग और ट्रेडर्स की घबराहट ने गिरावट को और तेज कर दिया।

बाजार की अगली चाल पर नजर

अब सबकी निगाहें ग्लोबल घटनाक्रम और भारतीय रिजर्व बैंक की अगली नीति पर टिकी हैं। यदि मिडल ईस्ट में हालात और खराब होते हैं या अमेरिकी अर्थव्यवस्था से निगेटिव संकेत मिलते हैं, तो आने वाले दिनों में और गिरावट संभव है।

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