शेयर बाजार: भारतीय शेयर बाजार ने लगातार चौथे सप्ताह गिरावट दर्ज की है, जिससे निवेशकों की चिंता और गहराई है। इस बार गिरावट की सबसे बड़ी वजहें रहीं – अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे निराशाजनक संकेत, अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते को लेकर जारी असमंजस, और आईटी कंपनियों के कमजोर तिमाही आंकड़े।
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किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा दबाव?
आईटी, बिजली, रियल एस्टेट, चीनी, एफएमसीजी और खनन जैसे क्षेत्रों पर भारी दबाव देखा गया। इन सेक्टरों में बिकवाली का माहौल बना रहा, जिससे सूचकांक नीचे की ओर खिसकते रहे। हालांकि, फार्मा सेक्टर ने थोड़ा बहुत संतुलन बनाए रखने की कोशिश जरूर की, लेकिन वो गिरावट को रोकने में असफल रहा।
FPI की भारी बिकवाली बनी मुख्य चिंता
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की लगातार बिकवाली बाजार के लिए सबसे बड़ी सिरदर्द बनी हुई है। जुलाई 2025 के महीने में अब तक लगभग ₹1.07 लाख करोड़ की नेट बिकवाली हो चुकी है, जिसने बाजार की कमर तोड़ दी है। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने खरीदारी में रुचि दिखाई, लेकिन वो गिरावट थामने के लिए पर्याप्त नहीं साबित हुए।
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रुपये में भी कमजोरी जारी
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर होता दिखा है। बीते तीन हफ्तों से रुपया गिरावट की ओर है और इस हफ्ते यह एक महीने के निचले स्तर पर आ गया। करेंसी मार्केट में इस कमजोरी ने इक्विटी में और अनिश्चितता भर दी है।
बाजार पर असर डालने वाले मुख्य कारण
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर असमंजस बना हुआ है, जिससे वैश्विक निवेशक सतर्क हो गए हैं।
- राष्ट्रपति ट्रंप की अचानक भारत यात्रा ने भी बाजार को अस्थिर बना दिया।
- अमेरिका-भारत व्यापार समझौता अब तक तय नहीं हो पाया है, जबकि इसकी डेडलाइन करीब है।
- कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं।
- और सबसे अहम – एफपीआई द्वारा की जा रही लगातार बिकवाली।
इस हफ्ते का बाजार आंकड़ों में
- सेंसेक्स में 721 अंकों की गिरावट
- निफ्टी 225 अंक लुढ़का
- रुपये की कीमत एक महीने के न्यूनतम स्तर पर
- आईटी, बैंकिंग और पावर सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज
निवेशकों के लिए सलाह
इस समय बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, ऐसे में विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि निवेशक जल्दबाज़ी न करें और केवल मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में ही निवेश करें। अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय, लॉन्ग-टर्म रणनीति पर फोकस करना ज्यादा बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

