Share Market Weekly Report: गिरावट के बावजूद निफ्टी मजबूत, FII बिकवाली बनी चिंतापिछला सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए अस्थिरता से भरा रहा। सप्ताह के अंत में बाजार लाल निशान पर बंद हुआ, जिससे निवेशकों में हल्की निराशा देखी गई। वैश्विक बॉन्ड बाजार की उठापटक और विदेशी निवेशकों द्वारा की गई भारी बिकवाली ने घरेलू निवेश धारणा पर नकारात्मक असर डाला। वहीं, अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तनाव को और बढ़ा दिया।
निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही सूचकांक साप्ताहिक आधार पर करीब 0.75% फिसले। निफ्टी 24,853 पर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स ने 81,721 के स्तर पर कारोबार समाप्त किया। हालांकि, बैंक निफ्टी ने इस दबाव के बीच खुद को संभालते हुए 43 अंकों की मामूली बढ़त दर्ज की, जिससे बैंकिंग सेक्टर में कुछ सकारात्मक संकेत मिले।HBL Engineering Quarterly Results: कमजोर तिमाही प्रदर्शन, मुनाफा और आय में भारी गिरावट
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, भले ही प्रमुख सूचकांकों में गिरावट दर्ज हुई हो, लेकिन निफ्टी अब भी अपने 21-दिन और 200-दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है, जो तकनीकी रूप से उसकी मजबूती को दर्शाता है।
अमेरिका की 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड 4.63% पर पहुंच गई है, जो फरवरी के बाद का उच्चतम स्तर है। इस तेजी ने उभरते हुए बाजारों में अनिश्चितता को और गहरा कर दिया है। रिलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी रिसर्च, अजित मिश्रा के मुताबिक, कंपनियों के मिले-जुले नतीजों और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी ने निवेशकों के बीच बेचैनी पैदा की है। इस वजह से मुनाफावसूली का रुख देखा गया और बाजार में सतर्कता बढ़ी।
Geojit Investments के रिसर्च हेड, विनोद नायर का मानना है कि इस बार सामान्य मानसून की संभावना और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से महंगाई पर काबू पाया जा सकता है। यह स्थिति भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश को जन्म दे सकती है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
महत्वपूर्ण आंकड़ों पर नजर:
आगामी सप्ताह मार्च तिमाही (Q4FY25) के नतीजों के लिहाज से बेहद अहम होगा। Bajaj Auto, Aurobindo Pharma और IRCTC जैसी बड़ी कंपनियों के परिणाम आने वाले हैं, जिन पर निवेशकों की नजर टिकी होगी। इसके अलावा 28 मई को अप्रैल माह का औद्योगिक और विनिर्माण डेटा और 30 मई को पूरे वित्त वर्ष (FY25) तथा Q4 का GDP आंकड़ा सामने आएगा। साथ ही मॉनसून की प्रगति भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
IPO बाजार में हलचल:
प्राथमिक बाजार में इस सप्ताह काफी गतिविधि देखने को मिलेगी। Aegis Vopak Terminals, Leela Hotels, Prostarm Info Systems और Scoda Tubes के पब्लिक इश्यू खुलेंगे। इनके साथ-साथ पांच SME कंपनियों के IPO भी निवेशकों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
निवेशक गतिविधियों की दिशा:
गत सप्ताह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने बाजार से लगभग ₹11,591 करोड़ की पूंजी निकाली, जो बाजार में उनकी सतर्कता को दर्शाता है। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने करीब ₹11,199 करोड़ की राशि का निवेश कर बाजार में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश की। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, कमजोर तिमाही परिणामों और शहरी उपभोक्ता खर्च में गिरावट ने विदेशी निवेशकों को सतर्क कर दिया, जिससे उन्होंने भारतीय बाजार से दूरी बनाना शुरू कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय संकेतों का प्रभाव:
वैश्विक स्तर पर चल रही उथल-पुथल का असर भारतीय बाजार पर भी साफ नजर आया। अमेरिका की 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में आई तेज़ी और देश की बढ़ती कर्ज़ी हालत ने उभरते हुए बाजारों में बेचैनी पैदा की है। इसके साथ ही अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव और वाशिंगटन द्वारा प्रस्तावित नए टैक्स नियमों ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे (FOMC मिनट्स) और भारत-अमेरिका व्यापारिक समझौते को लेकर चल रही बातचीत भी बाजार की चाल पर असर डाल सकती है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।