Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, टॉप 10 कंपनियों का 2.24 लाख करोड़ डूबा

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में तेज़ गिरावट देखने को मिली, जिसका सीधा असर देश की दिग्गज कंपनियों की मार्केट वैल्यू पर पड़ा। बीएसई सेंसेक्स लगभग 1,497 अंकों की गिरावट के साथ 1.84% फिसल गया। इसी दौरान भारत की शीर्ष 10 सबसे अधिक मूल्यवान कंपनियों में से 8 कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन मिलाकर करीब 2.24 लाख […]

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पिछले हफ्ते शेयर बाजार में तेज़ गिरावट देखने को मिली, जिसका सीधा असर देश की दिग्गज कंपनियों की मार्केट वैल्यू पर पड़ा। बीएसई सेंसेक्स लगभग 1,497 अंकों की गिरावट के साथ 1.84% फिसल गया। इसी दौरान भारत की शीर्ष 10 सबसे अधिक मूल्यवान कंपनियों में से 8 कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन मिलाकर करीब 2.24 लाख करोड़ रुपये घट गई।

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रिलायंस और एचडीएफसी बैंक को सबसे बड़ा झटका

इस गिरावट से सबसे ज़्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। कंपनी के मार्केट वैल्यूएशन से लगभग 70,707 करोड़ रुपये उड़ गए। इसके बाद सबसे बड़ा नुकसान एचडीएफसी बैंक को हुआ, जिसकी वैल्यू लगभग 47,482 करोड़ रुपये घटी।

अन्य दिग्गज कंपनियों पर असर

  • आईसीआईसीआई बैंक: लगभग 27,135 करोड़ रुपये का नुकसान
  • भारती एयरटेल: करीब 24,947 करोड़ रुपये का घाटा
  • एलआईसी (LIC): लगभग 23,655 करोड़ रुपये की गिरावट
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): करीब 12,692 करोड़ रुपये का नुकसान
  • बजाज फाइनेंस: लगभग 10,471 करोड़ रुपये की कमी
  • इन्फोसिस: करीब 7,540 करोड़ रुपये का नुकसान

ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि पिछले हफ्ते बैंकिंग और आईटी कंपनियों पर दबाव ज़्यादा रहा।

दो कंपनियां रहीं फायदे में

गिरावट के इस दौर में केवल टीसीएस (TCS) और हिंदुस्तान यूनिलीवर ही ऐसी कंपनियां रहीं, जिनकी मार्केट कैप में बढ़ोतरी देखने को मिली।

  • टीसीएस की वैल्यू लगभग 11,125 करोड़ रुपये बढ़ी।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर ने करीब 27,319 करोड़ रुपये का इज़ाफ़ा किया।

    रैंकिंग में बदलाव नहीं

    हालांकि भारी नुकसान के बावजूद कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन रैंकिंग में बड़ा बदलाव नहीं हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज अब भी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक और टीसीएस का स्थान रहा।

    निवेशकों में चिंता

    विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चित माहौल, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू स्तर पर कमजोर संकेतों ने बाजार पर दबाव बनाया। निवेशकों के लिए यह गिरावट चिंता का कारण है क्योंकि बड़ी कंपनियों में मूल्य का भारी नुकसान छोटे निवेशकों के पोर्टफोलियो को भी प्रभावित करता है।

 

 

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