शेयर बाजार गिरावट: गुरुवार को शेयर बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई, जहां शुरुआती घंटों में ही निवेशकों के बीच बेचैनी देखने को मिली। वैश्विक बॉन्ड यील्ड में आई तेज़ उछाल ने घरेलू बाजार की चाल बिगाड़ दी, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
बाजार खुलने के कुछ ही समय बाद सेंसेक्स 837 अंकों की गिरावट के साथ 80,759 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 260 अंक लुढ़ककर 24,553 पर कारोबार करता नजर आया। इस तेज गिरावट के चलते निवेशकों की दौलत में भारी कमी आई और बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप करीब ₹2.6 लाख करोड़ घटकर ₹438.56 लाख करोड़ पर आ गया।Garden Reach को मिला ₹25,000 Cr का Defence ऑर्डर | GRSE शेयर 52W High के करीब
इस गिरावट के साथ ही वोलैटिलिटी इंडेक्स, जिसे इंडिया VIX कहा जाता है, भी 3% बढ़कर 18.04 के स्तर पर पहुंच गया, जो यह संकेत देता है कि आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव और भी बढ़ सकता है।
सिर्फ मेटल्स और मीडिया सेक्टर टिके
सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो अधिकांश सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। खासकर आईटी, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर पर अधिक दबाव देखा गया, जहां 2% तक की गिरावट दर्ज की गई। मेटल्स और मीडिया इंडेक्स ही ऐसे रहे जिन्होंने कुछ मजबूती दिखाई, जबकि बाकी सभी प्रमुख इंडेक्स नुकसान में रहे।
ब्रॉडर मार्केट में भी कमजोरी बनी रही। मिडकैप शेयरों में लगभग 0.4% और स्मॉलकैप में 0.2% की गिरावट देखी गई, जिससे यह साफ है कि बिकवाली केवल ब्लूचिप कंपनियों तक सीमित नहीं रही।
एक्सपर्ट की राय: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और फिस्कल घाटा बना चिंता का कारण
Geojit Financial Services के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार का मानना है कि मौजूदा बाजार की कमजोरी की जड़ वैश्विक आर्थिक हालात में छिपी है। उन्होंने बताया कि अमेरिका के बढ़ते राजकोषीय घाटे और कर्ज के आंकड़ों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में आई तेज़ी से यह साफ है कि वैश्विक निवेशक सुरक्षित एसेट्स की ओर रुख कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सोना और बिटकॉइन जैसी वैकल्पिक संपत्तियों में तेजी भी इस मानसिकता का प्रमाण है कि पारंपरिक बाजारों में भरोसा थोड़ा डगमगाया है। भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए अमेरिकी यील्ड में उछाल नकारात्मक संकेत देता है, क्योंकि इससे विदेशी पूंजी का प्रवाह प्रभावित हो सकता है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत?
बाजार में इतनी तीव्र गिरावट के बाद निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, अभी लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए हर गिरावट खरीदारी का मौका हो सकती है, लेकिन शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को वोलैटिलिटी से निपटने के लिए सटीक रणनीति अपनानी होगी। आने वाले दिनों में अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और बॉन्ड मार्केट की चाल भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

