Stock Market News: घरेलू शेयर बाजार में हाल की मजबूती के बाद अब गति कुछ कमजोर पड़ती दिख रही है। प्रमुख सूचकांक सीमित दायरे में बने हुए हैं और बाजार में किसी बड़े संकेत का इंतजार किया जा रहा है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते में निवेशकों का रुख सतर्क नजर आ रहा है, खासकर तब जब बीच में बाजार बंद रहने वाला हो। ऐसे माहौल में कारोबारी आमतौर पर जोखिम कम रखने की रणनीति अपनाते हैं।
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इस हफ्ते कम रहेंगे ट्रेडिंग सेशन
चालू सप्ताह में शेयर बाजार में केवल चार दिन ही कारोबार होगा। एक दिन की छुट्टी के कारण ट्रेडिंग वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है। जब बाजार लगातार खुला न रहे, तो ट्रेडर्स आमतौर पर बड़े सौदे करने से बचते हैं, क्योंकि बीच में पोजीशन मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।
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क्रिसमस पर बंद रहेगा शेयर बाजार
स्टॉक एक्सचेंज के आधिकारिक कैलेंडर के अनुसार 25 दिसंबर 2025 को क्रिसमस के चलते भारतीय शेयर बाजार बंद रहेगा। इस दिन इक्विटी मार्केट के साथ-साथ करेंसी डेरिवेटिव, कमोडिटी डेरिवेटिव और इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड से जुड़े सभी प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेडिंग नहीं होगी। यह साल 2025 की आखिरी बाजार छुट्टी मानी जा रही है।
ग्लोबल संकेतों पर रहेगी निवेशकों की नजर
वैश्विक स्तर पर भी क्रिसमस के आसपास ट्रेडिंग गतिविधियां सीमित रहती हैं। कई बड़े अंतरराष्ट्रीय निवेशक इस दौरान बाजार से दूरी बनाए रखते हैं। हालांकि, इस बार छुट्टी से पहले कुछ अहम अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं, जिस पर निवेशक पैनी नजर बनाए हुए हैं।
अमेरिका से आने वाले आंकड़े क्यों हैं अहम
24 दिसंबर को अमेरिका से जुड़े लेबर मार्केट के ताजा आंकड़े जारी किए जाएंगे। ये आंकड़े भारतीय बाजार बंद होने के बाद सामने आएंगे, लेकिन अमेरिकी बाजारों में इन पर प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। अक्सर ऐसा होता है कि विदेशी बाजारों की चाल का असर अगले कारोबारी दिन घरेलू बाजार पर पड़ता है।
तकनीकी स्तरों पर बाजार की अग्निपरीक्षा
फिलहाल भारतीय शेयर बाजार उन अहम स्तरों के आसपास कारोबार कर रहा है, जहां पहले भी कई बार दबाव देखने को मिला है। इन जोन से ऊपर टिकाव बनने पर तेजी को नई मजबूती मिल सकती है। वहीं, अगर बाजार इन स्तरों को पार नहीं कर पाया, तो एक बार फिर मुनाफावसूली हावी हो सकती है।
कुल मिलाकर, यह सप्ताह भले ही ट्रेडिंग के लिहाज से छोटा हो, लेकिन संकेतों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। छुट्टी, अंतरराष्ट्रीय आंकड़े और तकनीकी स्तर मिलकर आने वाले सत्रों की दिशा तय कर सकते हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए सोच-समझकर कदम उठाना और जल्दबाजी से बचना ही बेहतर रणनीति मानी जा रही है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

