Stocks to Watch: सोमवार का सत्र घरेलू शेयर बाजार के लिए उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. शुरूआती कारोबार में हल्की मजबूती दिखने के बावजूद दोनों प्रमुख इंडेक्स दिन के अंत तक दबाव में आ गए. सेंसेक्स सुबह ऊंचे स्तर पर खुला था, लेकिन धीरे-धीरे बिकवाली बढ़ने से यह करीब 85,641 पर बंद हुआ. निफ्टी 50 में भी यही रुझान दिखा और इंडेक्स अपनी ओपनिंग से फिसलते हुए 26,175 के आसपास सत्र समाप्त कर गया।
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मंगलवार को जिन शेयरों पर बाजार की नजर रहेगी, उनमें टाटा मोटर्स पीवी, आयशर मोटर्स और कोल इंडिया जैसे नाम शामिल हैं. इन कंपनियों से जुड़े ताजा अपडेट निवेशकों की रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
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टाटा मोटर्स
नवंबर 2025 के लिए टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट का प्रदर्शन जारी किया है. कंपनी की घरेलू मांग में अच्छा सुधार देखा गया है. नवंबर में कुल 59,199 पीवी इकाइयों की बिक्री हुई, जो पिछले साल दर्ज की गई बिक्री की तुलना में उल्लेखनीय बढ़त दिखाती है. इनमें से 57,436 यूनिट सिर्फ भारतीय बाजार में बिकीं. यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले लगभग 22 प्रतिशत अधिक है, जो बताता है कि कंपनी की पीवी रेंज लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
कोल इंडिया
कोल इंडिया ने नवंबर 2025 के शुरुआती आंकड़े साझा किए हैं. उत्पादन के मोर्चे पर कंपनी ने बढ़त बनाए रखी है. इस अवधि में 68 मिलियन टन कोयला निकाला गया, जो साल-दर-साल तुलना में हल्की वृद्धि दर्शाता है. बिक्री (ऑफटेक) के मामले में कंपनी पर थोड़ा दबाव देखने को मिला और यह संख्या करीब 62.7 मिलियन टन रही. यह पिछले वर्ष के आंकड़े से थोड़ी कम है. कंपनी ने अपने सभी सहायक उपक्रमों के साथ संयुक्त रूप से अप्रैल से नवंबर तक का कुल उत्पादन-बिक्री आंकड़ा भी प्राथमिक रूप से जारी किया है।
HUL
एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने अपने टॉप लीडरशिप ढांचे में अहम फेरबदल किया है. होम केयर डिवीजन की जिम्मेदारी अब वंदना सूरी संभालेंगी. वे 1 जनवरी 2026 से यह पद ग्रहण करेंगी. इससे पहले यह भूमिका श्रीनंदन सुंदरम के पास थी, जिन्हें अब ग्लोबल स्तर पर यूनिलीवर इंटरनेशनल की कमान दी गई है. इस बदलाव को कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस
बजाज फाइनेंस ने अपनी सब्सिडियरी बजाज हाउसिंग फाइनेंस में 2 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है. नियामक दिशा-निर्देशों के मुताबिक कंपनियों को न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग सुनिश्चित करनी होती है. वर्तमान में बजाज फाइनेंस की हिस्सेदारी 88 प्रतिशत से ज्यादा है. इस बिक्री के बाद कंपनी नियामक मानकों को पूरा करने की स्थिति में पहुंच जाएगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई किसी भी बात को निवेश सलाह न माना जाए। निवेश का निर्णय अपनी शोध और वित्तीय सलाहकार की राय के आधार पर करें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

