Sunteck Realty Stock: मुंबई की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी सनटेक रियल्टी को लेकर घरेलू ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल ने अपनी रिसर्च कवरेज शुरू की है और कंपनी के भविष्य को लेकर आशावादी नजरिया अपनाया है। ब्रोकरेज हाउस ने इस शेयर को खरीदने की सलाह देते हुए ‘BUY’ की रेटिंग दी है।
पिछले एक साल में शेयर की हालत
रिपोर्ट के अनुसार, बीते 12 महीनों में सनटेक रियल्टी के शेयर में करीब 24% की गिरावट देखने को मिली है। मौजूदा समय में यह शेयर 42.2 के P/E रेशियो पर ट्रेड कर रहा है, जो वित्त वर्ष 2025 की अनुमानित आय के आधार पर आंका गया है। शुक्रवार के कारोबारी सेशन में यह शेयर 443.30 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से 0.28% यानी 1.25 रुपये अधिक था।
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टारगेट प्राइस और संभावित रिटर्न
JM फाइनेंशियल्स ने इस स्टॉक का टारगेट प्राइस 615 रुपये तय किया है। मौजूदा भाव की तुलना में देखा जाए, तो यह टारगेट करीब 39% अपसाइड का संकेत देता है। शेयर का 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 699 रुपये और न्यूनतम 347 रुपये रहा है। बीते 6 महीनों में इस स्टॉक में 11.35% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पूरे साल की बात करें तो यह करीब 20.73% टूटा है।
बिजनेस विस्तार और प्रोजेक्ट्स की स्थिति
ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, सनटेक रियल्टी अब तेजी से अपने कारोबारी विस्तार की दिशा में बढ़ रही है। कंपनी ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन यानी MMR के कई क्षेत्रों—जैसे गोरेगांव, बोरीवली, मीरा रोड और वसई—में अपनी मौजूदगी को मजबूत किया है। महामारी से पहले कंपनी जहां दो या तीन प्रोजेक्ट्स पर निर्भर थी, वहीं अब सात से अधिक जगहों पर इसके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स एक्टिव हैं।
FY22 से FY25 के बीच कंपनी की प्री-सेल बुकिंग में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है, जो इसके मजबूत बिजनेस मॉडल की ओर इशारा करती है।
एसेट लाइट मॉडल और भविष्य की योजनाएं
सनटेक रियल्टी ने 2018 से एसेट-लाइट अप्रोच को अपनाया है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए कंपनी JDA (Joint Development Agreement) का उपयोग करती है। हाल ही में इसने बांद्रा और अंधेरी जैसे इलाकों में री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के ज़रिए इस सेगमेंट में भी कदम रखा है।
कंपनी के पास लगभग ₹400 अरब की प्रोजेक्ट पाइपलाइन है, और मैनेजमेंट का लक्ष्य है कि निकट भविष्य में ₹150 अरब की इन्वेंट्री को बाजार में लॉन्च किया जाए।
जोखिम और चुनौतियां
हालांकि कंपनी के ग्रोथ आउटलुक को लेकर माहौल सकारात्मक है, लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और आवासीय मांग में सुस्ती के कारण मार्जिन पर दबाव बना हुआ है। ऐसे में अगर प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार नहीं हुआ, तो कंपनी के लिए दीर्घकालीन लाभप्रदता सुनिश्चित करना एक चुनौती बन सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।