Super Iron Foundry Limited ने अपने बैंकिंग ढांचे में पुनर्गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी के बोर्ड ने 54.80 करोड़ रुपये के वित्तीय सुविधा के लिए UCO Bank के साथ Multiple Banking Arrangement को मंजूरी दी है। इसमें फंड और नॉन-फंड आधारित दोनों प्रकार की सीमाएं शामिल होंगी।
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कंसोर्टियम बैंकिंग से हटकर नया मॉडल
अब तक कंपनी UCO Bank, State Bank of India और Bank of Baroda के कंसोर्टियम के माध्यम से लोन और कार्यशील पूंजी की सुविधा ले रही थी। नई व्यवस्था के तहत यह समझौता समाप्त किया जाएगा और केवल UCO Bank के साथ नया मल्टिपल बैंकिंग सिस्टम लागू होगा। प्रबंधन का मानना है कि इससे बैंकिंग प्रक्रियाओं को सरल और तेज किया जा सकेगा।
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वित्तीय लागत में कमी और लचीलापन
नई रणनीति का मुख्य उद्देश्य कंपनी की वित्तीय लागत को कम करना है। अकेले UCO Bank के साथ काम करने से ब्याज और अन्य शुल्कों में राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, कैश फ्लो और वर्किंग कैपिटल के प्रबंधन में अधिक लचीलापन आएगा।
भविष्य की योजनाओं पर असर
बोर्ड की स्वीकृति के बाद कंपनी अपने मौजूदा कंसोर्टियम बैंकिंग अनुबंध को औपचारिक रूप से समाप्त करेगी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद, Super Iron Foundry की वित्तीय स्थिति और संचालन में सुधार आने की संभावना है। निवेशक और विश्लेषक इस बदलाव का स्टॉक और लोन कॉस्ट पर असर ध्यान से देखेंगे।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

