Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल की मेगा लिस्टिंग की तैयारी, अक्टूबर में आएगा ₹17000 करोड़ का आईपीओ

  Tata Capital IPO: भारतीय कॉरपोरेट जगत में जल्द ही एक ऐतिहासिक कदम उठने वाला है। देश की सबसे बड़ी कारोबारी समूह टाटा ग्रुप की वित्तीय इकाई टाटा कैपिटल ने अक्टूबर के पहले पखवाड़े में शेयर बाजार में उतरने की योजना बनाई है। कंपनी का प्रस्तावित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लगभग ₹17000 करोड़ का हो […]

Meesho IPO 2025 – ई-कॉमर्स स्टार्टअप की बड़ी लिस्टिंग और निवेश का मौका

 

Tata Capital IPO: भारतीय कॉरपोरेट जगत में जल्द ही एक ऐतिहासिक कदम उठने वाला है। देश की सबसे बड़ी कारोबारी समूह टाटा ग्रुप की वित्तीय इकाई टाटा कैपिटल ने अक्टूबर के पहले पखवाड़े में शेयर बाजार में उतरने की योजना बनाई है। कंपनी का प्रस्तावित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लगभग ₹17000 करोड़ का हो सकता है, जिसे इस साल का सबसे बड़ा इश्यू माना जा रहा है।

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इश्यू का आकार और संरचना

इस आईपीओ के तहत कुल 47.58 करोड़ शेयर निवेशकों के लिए उपलब्ध होंगे। इसमें से लगभग 21 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि शेष हिस्सेदारी ऑफ़र फॉर सेल (OFS) के जरिए मौजूदा निवेशकों द्वारा बेची जाएगी।

  • टाटा सन्स, जिसके पास अभी कंपनी की 88.6% हिस्सेदारी है, करीब 2.3 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है।
  • वहीं इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC), जो टाटा कैपिटल में 1.8% की हिस्सेदारी रखता है, लगभग 3.58 करोड़ शेयर बाजार में उतार सकता है।
नियामकीय पृष्ठभूमि

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बड़े गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) को अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का निर्देश दिया था। हालांकि सितंबर तक लिस्टिंग अनिवार्य थी, टाटा कैपिटल को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय मिल गया।

उपयोग और लक्ष्य

कंपनी ने साफ किया है कि फ्रेश इश्यू से जुटाई गई पूंजी को उसकी टियर-1 पूंजी को मजबूत करने और भविष्य में ऋण कारोबार को विस्तार देने में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे टाटा कैपिटल को अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर स्थिति बनाने में मदद मिलेगी और ग्राहकों को नए वित्तीय उत्पाद उपलब्ध कराने का रास्ता खुलेगा।

बाजार पर असर

टाटा कैपिटल का यह आईपीओ देश में पिछले दो सालों में टाटा समूह की ओर से आने वाला पहला सार्वजनिक निर्गम होगा। इससे पहले इस स्तर का बड़ा इश्यू हुंडई मोटर इंडिया का रहा था, जिसने करीब ₹27,870 करोड़ जुटाए थे। अब टाटा कैपिटल की पेशकश उसे पछाड़कर भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बनने जा रही है।

वित्तीय सेवाओं का व्यस्त सीजन

इस समय बाजार में वित्तीय सेवाओं से जुड़ी कई कंपनियां पूंजी जुटाने की प्रक्रिया में हैं। हाल ही में एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज और बजाज हाउसिंग फाइनेंस जैसे संस्थान भी आईपीओ लेकर आए हैं। चूंकि ये सभी संस्थान RBI की गाइडलाइंस के अंतर्गत लिस्टिंग की दिशा में बढ़ रहे हैं, इसलिए निवेशकों के लिए यह समय बेहद अहम माना जा रहा है।

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