Tata Investment: टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों ने 30 सितंबर को जोरदार रैली दिखाई और 17.5% बढ़कर ऐतिहासिक उच्च Rs 10,391 पर पहुँच गए। यह उछाल मुख्य रूप से टाटा सन्स के सार्वजनिक लिस्टिंग डेडलाइन के करीब आने की वजह से आया।
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टाटा सन्स लिस्टिंग और RBI नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, ‘अपर लेयर’ के एनबीएफसी को नोटिफिकेशन मिलने के तीन साल के भीतर लिस्ट होना अनिवार्य होता है। टाटा सन्स ने 2024 में एनबीएफसी रजिस्ट्रेशन के लिए RBI से आवेदन किया था, ताकि अनिवार्य लिस्टिंग से बचा जा सके। जनवरी 2025 में RBI ने कहा कि आवेदन अभी विचाराधीन है।
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निवेशकों की नजर: संभावित वैल्यू अनलॉक
हालांकि टाटा इन्वेस्टमेंट का टाटा सन्स में सिर्फ 0.1% हिस्सा है, इसके बावजूद लिस्टिंग की संभावना ने शेयर में तेजी पैदा कर दी। इसके साथ ही, कंपनी की 2.1% हिस्सेदारी टाटा कैपिटल में है, जिसका IPO 6 अक्टूबर से खुल रहा है। पहली बार कंपनी ने 1:10 के शेयर स्प्लिट की घोषणा की है, जिसकी रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर तय की गई है।
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
कंपनी ने तिमाही और वार्षिक प्रदर्शन में बढ़त दिखाई है। कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट आफ्टर टैक्स Rs 146.30 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 11.6% बढ़ा। ऑपरेशन से राजस्व Rs 145.46 करोड़ रहा, जिसमें 2.1% की वृद्धि हुई। स्टैंडअलोन आधार पर नेट प्रॉफिट 23.5% बढ़कर Rs 139.22 करोड़ हुआ, जबकि राजस्व में 21% की बढ़त दर्ज की गई। पिछले एक महीने में शेयर लगभग 50% चढ़ चुके हैं।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

