Tata Motors: एक साल में 31% गिरा शेयर, जानें क्या अब है निवेश का सही मौका?

Tata Motors : टाटा ग्रुप की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी Tata Motors के शेयर बीते एक साल में करीब 31% तक लुढ़क चुके हैं, जिससे निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब इसमें निवेश करने का सही समय है?
दरअसल, कंपनी के सामने कुछ शॉर्ट टर्म चुनौतियाँ हैं, जो ग्लोबल अनिश्चितताओं और डिमांड में सुस्ती से जुड़ी हुई हैं। FY26 (वित्त वर्ष 2025-26) के लिए Tata Motors की ब्रिटिश यूनिट Jaguar Land Rover (JLR) ने अपने ऑपरेटिंग मार्जिन (EBIT) का अनुमान घटाकर 5–7% कर दिया है, जबकि पिछले वर्ष यह 8.5% के आसपास था।
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इस कमजोर गाइडेंस के चलते, बाजार में Tata Motors को लेकर नकारात्मक धारणा बन रही है। साथ ही, फ्री कैश फ्लो की दिशा में भी उतार-चढ़ाव की आशंका जताई जा रही है, जिससे इस स्टॉक से निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है।
पिछले वीक में भी गिरावट
पिछले वीक के कारोबारी सत्रों में Tata Motors के शेयर में लगभग 9% की गिरावट देखी गई है। इसका मुख्य कारण JLR की तरफ से कमजोर वित्तीय आउटलुक और ग्लोबल डिमांड में अनिश्चितता है। इसका असर सीधे-सीधे Tata Motors की बैलेंस शीट पर पड़ सकता है।
Tata Motors के शेयरों ने बीते एक साल में काफ़ी उतार-चढ़ाव देखा है। जहाँ एक तरफ़ इस स्टॉक में 31% की गिरावट दर्ज हुई, वहीं दूसरी तरफ़ इसके फाइनेंशियल आंकड़े अब भी कंपनी की ताकत को दिखाते हैं।
मार्केट कैप और वैल्यूएशन
Tata Motors की मार्केट कैप इस समय लगभग ₹2.48 लाख करोड़ है। यह आंकड़ा बताता है कि कंपनी भारत की सबसे बड़ी ऑटो कंपनियों में से एक है।
कंपनी का P/E (Price to Earnings) रेशियो सिर्फ़ 8.93 है, जो कि इंडस्ट्री के एवरेज 24.07 से कहीं नीचे है। इसका मतलब यह है कि स्टॉक की कीमत अभी भी कम आंकी जा रही है — यानी यह निवेश के लिहाज से ‘अंडरवैल्यूड’ हो सकता है।
बुक वैल्यू और रिटर्न
बुक वैल्यू की बात करें तो यह ₹301.94 है। वहीं Tata Motors का शेयर अभी ₹671 के आस-पास ट्रेड कर रहा है। इससे इसका P/B रेशियो 2.24 बनता है — जो ऑटो सेक्टर के लिहाज से संतुलित माना जाता है।
और सबसे खास बात — कंपनी का ROE (Return on Equity) करीब 20.39% है। यानी कंपनी अपने निवेशकों के पैसों पर अच्छा रिटर्न दे पा रही है, जो किसी भी निवेशक के लिए पॉजिटिव संकेत है।
कमाई और डिविडेंड
कंपनी का EPS (Earnings Per Share) फिलहाल ₹75.59 है — जो इस बात का सबूत है कि Tata Motors लगातार प्रॉफिट में बनी हुई है।
हालांकि डिविडेंड यील्ड की बात करें तो ये सिर्फ 0.89% है। इसका सीधा मतलब ये है कि कंपनी अभी ज़्यादा मुनाफ़ा शेयरधारकों को बाँटने के बजाय आगे के ग्रोथ प्लान में रीइन्वेस्ट कर रही है।
कर्ज और संतुलन
Tata Motors का Debt to Equity रेशियो 0.62 है, यानी कंपनी पर ज़्यादा कर्ज़ नहीं है। यह लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जाता है क्योंकि इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत नजर आती है।
क्या निवेश करना चाहिए?
भले ही Tata Motors के शेयरों में गिरावट आई हो, लेकिन लॉन्ग टर्म में कंपनी की बुनियादी स्थिति मजबूत मानी जाती है। Tata Motors का EV सेगमेंट में बढ़ता फोकस और JLR ब्रांड की इंटरनेशनल मौजूदगी इसकी ताकत बने हुए हैं। हालांकि, आने वाले एक-दो तिमाही में अस्थिरता बनी रह सकती है।
डिस्क्लेमर: यह समाचार केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश की सलाह न समझा जाए। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।