Tax Saving News: बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट लंबे समय से भारतीय निवेशकों की पसंदीदा बचत योजना रही है। तय ब्याज दर और पूंजी की सुरक्षा इसे आकर्षक बनाते हैं। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि FD से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी लग सकता है। इसे TDS यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स कहा जाता है, जो बैंक ब्याज क्रेडिट करने से पहले काट लेता है।
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TDS कब और किस पर लगता है
वर्तमान नियमों के अनुसार, अगर किसी वित्तीय वर्ष में FD से मिलने वाला कुल ब्याज 40,000 रुपये से अधिक हो जाता है तो साधारण निवेशकों के लिए TDS लगाया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों को इस मामले में थोड़ी राहत मिलती है और उनके लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। यह कटौती तब भी हो सकती है जब आपकी सालाना आय टैक्स के दायरे में न आती हो, क्योंकि बैंक यह प्रक्रिया स्वचालित रूप से करता है।
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इन फॉर्म्स से रुक सकती है कटौती
अगर आपकी कुल आय आयकर योग्य सीमा से कम है, तो आप बैंक को एक घोषणा देकर इस कटौती से बच सकते हैं। इसके लिए दो तरह के फॉर्म उपलब्ध हैं। 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए Form 15G और 60 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए Form 15H भरा जाता है। इन फॉर्म्स में यह स्पष्ट किया जाता है कि आपकी आय टैक्स योग्य नहीं है, इसलिए ब्याज पर TDS न काटा जाए।
कब और कैसे जमा करें फॉर्म
इन फॉर्म्स को भरने का सबसे अच्छा समय वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल का महीना माना जाता है। इससे पूरे साल किसी भी ब्याज भुगतान पर कटौती होने की संभावना खत्म हो जाती है। बैंक की शाखा में जाकर या उनके ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ये फॉर्म जमा किए जा सकते हैं। ध्यान रहे, इसमें दी गई सभी जानकारी सही होनी चाहिए, क्योंकि गलत विवरण देने पर पेनल्टी लग सकती है।
TDS से बचने का यह तरीका निवेशकों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे ब्याज की पूरी राशि सीधे खाते में आ जाती है और बाद में रिफंड पाने के लिए आयकर रिटर्न का इंतजार नहीं करना पड़ता। इसके साथ ही सालभर की आय और रिटर्न का बेहतर प्रबंधन भी किया जा सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते समय जितना जरूरी ब्याज दर और अवधि पर ध्यान देना है, उतना ही जरूरी TDS से जुड़े नियमों को समझना भी है। सही समय पर फॉर्म 15G या 15H भरकर जमा करने से आप न केवल कटौती से बच सकते हैं बल्कि अपने निवेश से मिलने वाले लाभ को अधिकतम भी कर सकते हैं।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।