Top 10 Indian companies: LIC का मार्केट कैप ₹1 लाख करोड़ बढ़ा, जानिए बाकी कंपनियों की हालत

Top 10 Indian companies: पिछले सप्ताह शेयर बाजार में हलचल के बावजूद, कुछ बड़ी कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन कर निवेशकों का भरोसा फिर से जीत लिया। खास तौर पर, टॉप 10 की लिस्ट में शामिल चार दिग्गज कंपनियों ने मिलकर अपने मार्केट कैप में ₹1 लाख करोड़ से भी ज़्यादा की बढ़त दर्ज की। इस […]

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Top 10 Indian companies: पिछले सप्ताह शेयर बाजार में हलचल के बावजूद, कुछ बड़ी कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन कर निवेशकों का भरोसा फिर से जीत लिया। खास तौर पर, टॉप 10 की लिस्ट में शामिल चार दिग्गज कंपनियों ने मिलकर अपने मार्केट कैप में ₹1 लाख करोड़ से भी ज़्यादा की बढ़त दर्ज की। इस बढ़त में सबसे बड़ा नाम भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का रहा, जिसने बीते सप्ताह निवेशकों को ज़बरदस्त रिटर्न दिया।

रिलायंस का दबदबा बरकरार, LIC की छलांग ने सबको चौंकाया

Top 10 Indian companies रिलायंस इंडस्ट्रीज़ एक बार फिर शीर्ष पर बनी रही, लेकिन इस बार फोकस LIC पर रहा जिसने अपने मार्केट कैप में भारी उछाल दर्ज की। LIC की ये बढ़त तब आई जब कंपनी पर लंबे समय से निवेशकों का भरोसा डगमगाया था। अब एक बार फिर यह कंपनी चर्चा में है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इसका प्रदर्शन और बेहतर होगा।

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TCS और HDFC Bank को झटका

जहाँ कुछ कंपनियाँ उभर कर सामने आईं, वहीं कुछ को नुकसान का सामना करना पड़ा। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और HDFC बैंक के मार्केट कैप में गिरावट देखी गई। TCS का मूल्यांकन ₹17,909 करोड़ घटकर रह गया, जबकि HDFC बैंक भी पिछली रफ्तार बरकरार नहीं रख पाया।

इंडेक्स पर मिला-जुला असर

इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में खासा उतार-चढ़ाव देखा गया। हालांकि इंडेक्स के लिहाज़ से बाज़ार स्थिर नजर आया, लेकिन कंपनियों के व्यक्तिगत प्रदर्शन ने बाजार की दिशा तय की। निवेशक अब उन कंपनियों की ओर ध्यान दे रहे हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी मजबूत बनी हुई हैं।

बाकी कंपनियाँ भी दौड़ में

इंफोसिस, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, ICICI बैंक जैसी कंपनियाँ भी मार्केट कैप के मामले में स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि इन कंपनियों ने बड़ी छलांग नहीं लगाई, लेकिन उन्होंने अपनी स्थिति भी नहीं खोई।


बीते सप्ताह यह साफ हो गया कि जब भी बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियाँ ही निवेशकों का भरोसा जीत पाती हैं। LIC की वापसी इस बात का प्रमाण है कि सरकारी कंपनियाँ भी बाज़ार में फिर से जगह बना सकती हैं, बशर्ते उनके प्रदर्शन में स्थायित्व हो। आने वाले समय में निवेशकों की नज़र इन्हीं टॉप कंपनियों पर टिकी रहेगी।

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